Agnipath Scheme: अग्निपथ स्कीम पर रोक लगाने से दिल्ली हाई कोर्ट ने किया इंकार, 4 हफ्ते में माँगा जवाब
अग्निपथ योजना को चुनौती देने का मामले पर गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई की गई है. दिल्ली हाईकोर्ट ने अग्निपथ योजना पर योजना पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है. कोर्ट ने केंद्र सरकार की सेना में भर्ती को लेकर लाई गई नई अग्निपथ योजना को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए दाखिल याचिकाओं पर 4 सप्ताह के भीतर संबंधित मंत्रालयों के माध्यम से केंद्र से जवाब मांगा है|
अग्निपथ योजना क्या है ?
अग्निपथ योजना भारतीय सेना के तीनों अंगों थलसेना, वायुसेना और नौसेना में क्रमश: जवान, एयरमैन और नाविक के पदों पर भर्ती के लिए भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय द्वारा लाई गई एक नई योजना है | चयन के बाद इन नए जवानों को अग्निवीर के रूप में जाना जाएगा और उनका कार्यकाल 4 वर्षों का होगा | 4 वर्ष के बाद निबंधित बैच के 25% जवानों को 15 साल की अवधि के लिये उनकी संबंधित सेवाओं में वापस भर्ती किया जाएगा। 4 वर्ष की सेवा पूरी करने के बाद कोई अग्निवीर सेना के किसी भी अंग में तभी नियमित हो पाएंगे, जब वे जूनियर कमीशंड अफसर अथवा अन्य किसी समरूप पदों के नियमित नियमों द्वारा शासित हो पाएंगे |
इस योजना के लागू होने के बाद से इन पदों पर भर्ती के लिए चलने वाली दूसरी अन्य योजनाएं समाप्त हो जाएंगी | ऐसे अभ्यर्थी जिनकी उम्र 17.5 साल से 21 साल के बीच के है, वो इस योजना के तहत भर्ती होने के लिए आवेदन दे सकते हैं | हालाँकि ,कोरोना वैश्विक महामारी में भर्ती प्रक्रिया में आई बाधाओं के कारण इस साल (2022 में) उम्र की अधिकतम सीमा में 2 वर्षों की छूट दी गई है | अर्थात 2022 में 23 साल तक की उम्र वाले उम्मीदवार भी इस भर्ती प्रक्रिया के लिए आवेदन कर सकते हैं | आवेदन जुलाई महीने से प्रारम्भ होंगे |
इस योजना का उद्देश्य भारतीय युवाओं में देश प्रेम की भावना जागृत करने के साथ साथ , सेना को युवा शक्ति प्रदान करना भी है | वर्तमान में भारतीय सशस्त्र बलों के 13 लाख से भी अधिक संख्या की औसत उम्र लगभग 32 वर्ष है | इस योजना से इस औसत उम्र में कमी देखने को मिलेगी |