FIFA World Cup: अर्जेंटीना के साथ हुआ धोखा, वर्ल्ड कप जितने के बाद भी नहीं मिली असली ट्रॉफी, जानिए क्या है पूरा मामलाफीफा वर्ल्ड कप की मौजूदा ट्रॉफी 1974 से दी जा रही है। इसके पहले 1930 से 1970 तक अलग ट्रॉफी दी जाती थी जिसका नाम था जूल्स रिमेट ट्रॉफी।
अर्जेंटीना ने जीता वर्ल्ड कप 2022 (Argentina won the World Cup 2022)
फुटबॉल वर्ल्ड कप 2022 को अर्जेंटीना ने जीत लिया है। फाइनल में पेनल्टी शूटआउट में फ्रांस को 4-2 से हराने के बाद अर्जेंटीना ने अपनी खिताबी हैट्रिक पूरी कर ली। इससे पहले इस टीम ने 1978 और 1986 में यह खिताब जीता था। लेकिन इन सबके बीच अगर आपको एक रोचक जानकारी देते हैं कि वर्ल्ड चैंपियन बनने के बाद भी टीम को असली ट्रॉफी नहीं दी जाती है। जी हां, 1974 के बाद फीफा ने कुछ नियम बदल दिए थे। अब आप यह सोच रहे होंगे कि फिर जो ट्रॉफी हम देखते हैं वो क्या है, असली ट्रॉफी कहां रहती है, ऐसे कई सवाल उठ रहे हैं, जिसके लिए खबर को आगे पढ़ना होगा।
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फीफा वर्ल्ड कप की ट्रॉफी है 48 साल पुरानी (FIFA World Cup trophy is 48 years old)
सबसे पहले अगर इतिहास पर नजर डालें तो जो ट्रॉफी फीफा वर्ल्ड कप की हम आज देख रहे हैं वो सिर्फ 48 साल पुरानी है यानी 1974 से ही वो ट्रेंड में आई। जबकि 1930 से फीफा वर्ल्ड कप की शुरुआत हो चुकी थी और 1930 से 1970 तक एक अलग तरह की ट्रॉफी दी जाती थी जिसका नाम था जूल्स रिमेट ट्रॉफी। दरअसल इस ट्रॉफी का नाम फीफा के तीसरे अध्यक्ष रहे जूल्स रिमेट के नाम पर रखा गया था। जूल्स फ्रांस के एक फेमस फुटबॉलर भी रह चुके थे। आप तस्वीर में नीचे उस जूल्स रिमेट ट्रॉफी को देख सकते हैं।
क्यों नहीं दी जाती वर्ल्ड चैंपियन बनने के बाद भी टीम को असली ट्रॉफी (Why is the real trophy not given to the team even after becoming the world champion)
अब अगर बात करें कि फीफा वर्ल्ड कप विनर को असली ट्रॉफी क्यों नहीं दी जाती है? दरअसल 1974 से पहले तक फीफा का नियम यह था कि जिस देश ने तीन बार वर्ल्ड कप जीता है वो ओरिजिनल ट्रॉफी रख सकते थे। 1970 में अपना तीसरा वर्ल्ड कप जीतने वाली ब्राजील की टीम को असली जूल्स रिमेट ट्रॉफी दी भी गई थी। पर अब सिर्फ एक रेप्लिका यानी डमी ट्रॉफी दी जाती है जो ब्रॉन्ज की होती है और उस पर परत सोने की होती है। जबकि फीफा की ओरिजिनल ट्रॉफी जो आजकल यूज होती है उसे 18 कैरेट के सोने से तैयार किया जाता है। इसका वजन करीब 6 किलो से ज्यादा होता है।
इस घटना के बाद हुआ असली ट्रॉफी देना बंद (After this incident the real trophy was stopped)
दरअसल हुआ कुछ ऐसा था कि 1966 का वर्ल्ड कप इंग्लैंड ने जीता था और ट्रॉफी उन्हें दी भी गई थी। लेकिन वो ट्रॉफी उनके फेडरेशन से चोरी हो गई। हालांकि, फिर एक कुत्ते ने उस ट्रॉफी को लंदन में ही ढूंढ निकाला था। इसके बाद ट्रॉफी चोरी होने की घटना 1970 में ब्राजील से भी सामने आई थी। यही कारण रहा कि तभी से असली ट्रॉफी देने के नियम को बंद कर रेप्लिका यानी डुप्लीकेट ट्रॉफी दी जाने लगी। कुछ रिपोर्ट्स से यह भी पता चला कि असली ट्रॉफी टीमों को जश्न मनाने के लिए दी जाती है। उसके बाद उसे फीफा के द्वारा अपने पास ही रखा जाता है। फीफा वर्ल्ड की असली ट्रॉफी ज्यूरिख (स्विट्जरलैंड) स्थित हेडक्वार्टर में ही ज्यादातार समय तक रखी जाती है।