Friday, March 31, 2023
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Business News: RBI गवर्नर ने कहा- अस्वीकार्य और असंतोषजनक रूप से ऊंची हैं महँगाई

Business News: RBI गवर्नर ने कहा- अस्वीकार्य और असंतोषजनक रूप से ऊंची हैं महँगाई भारतीय रिजर्व बैंक की अगस्त महीने में हुई मौद्रिक नीति समिति की बैठक (MPC) के मिनट्स जारी हो चुके हैं।

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) का मानना ​​है कि कुछ नरमी के बावजूद, मुद्रास्फीति अस्वीकार्य और असुविधाजनक रूप से उच्च स्तर पर बनी हुई है। दास ने कहा कि हालांकि शुरुआती संकेत हैं कि मुद्रास्फीति अप्रैल में चरम पर हो सकती है, लेकिन भू-राजनीतिक तनाव, अस्थिर वैश्विक कमोडिटी कीमतों और वित्तीय बाजारों से आने वाले प्रतिकूल वैश्विक स्पिलओवर की वजह से अनिश्चितताएं बनी हुई हैं। उन्होंने कहा कि मुद्रास्फीति की स्थिति और आर्थिक गतिविधियों के आधार पर हम परिस्थिति के अनुसार समझदारी के साथ सही कदम उठाएंगे।

सर्वसम्मति से लिया फैसला
एमपीसी मिनट्स से पता चला है कि एमपीसी के सभी सदस्यों – डॉ शशांक भिड़े, डॉ आशिमा गोयल, प्रो जयंत आर वर्मा, डॉ राजीव रंजन, डॉ माइकल देवव्रत पात्रा और शक्तिकांत दास ने सर्वसम्मति से पॉलिसी रेपो रेट में 50 आधार अंकों की वृद्धि करके इसे 5.40 फीसदी पर लाने के लिए वोट किया है।

आरबीआई के डिप्टी गवर्नर माइकल देवव्रत पात्रा (Michael Debabrata Patra) ने कहा कि मौद्रिक नीति कार्रवाई को पहले किए जाने से महंगाई दबाव पर काबू पाया जा सकता है। इससे मुद्रास्फीति के लक्ष्य के साथ तालमेल बैठाया जा सकता है।

इतना है महंगाई दर का अनुमान
मौद्रिक नीति पैनल ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए मुद्रास्फीति का अनुमान 6.7 फीसदी पर रखा है। दूसरी तिमाही के लिए अनुमान 7.1 फीसदी पर बरकरार रखा गया है, तीसरी तिमाही में 6.4 फीसदी और चौथी तिमाही के लिए 5.8 फीसदी रखा है।

एमपीसी ने अपनी पिछली बैठक में लिक्विडिटी एसेसमेंट फैसिलिटी (LAF) के तहत नीतिगत रेपो रेट को 50 आधार अंकों से बढ़ाकर 5.40 फीसदी करने का निर्णय लिया। परिणामस्वरूप, स्टैंडिंग डिपॉजिट फैसिलिटी (SDF) रेट 5.15 फीसदी और मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी फैसिलिटी दर और बैंक दर को 5.65 फीसदी तक समायोजित किया गया।

आरबीआई की ओर से प्रकाशित एक लेख में यह जानकारी दी गई है कि वित्त वर्ष 2021-22 में बैंकों और वित्तीय संस्थानों की ओर से परियोजनाओं के लिए स्वीकृत कर्जों में सबसे अधिक हिस्सा राजस्थान का रहा है।

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