Celery Cultivation उन्नत खेती, उन्नत किस्म और बुआई का सही तरीका किसान हो सकते हैं अजवाइन की खेती से मालामाल इससे होगा किसानो को बड़ा मुनाफा।
किसान हो सकते हैं अजवाइन की खेती से मालामाल
- भारतीय भोजन में मसालों की बहुत उपयोगिता है, क्योंकि जब तक भोजन में मसालों का उपयोग ना हो, तब तक भोजन में स्वाद नहीं आता है.
- वैसे भारत में कई मसालों की खेती की जाती है, जिसमें अजवाइन भी शमिल है.
- अजवाइन का वानस्पतिक नाम टेकिस्पर्मम एम्मी है. इसकी खेती से किसान काफी अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं.
- तो आइए आपको इस लेख में अजवाइन के खेती के बारे में बताते हैं.Celery Cultivation
उपयुक्त जलवायु

- अजवाइन की खेती के लिए मध्यम ठंडा एवं शुष्क जलवायु उपयुक्त रहती है. इस जलवायु में पौधों का अच्छा विकास होता है.Celery Cultivation
उपयुक्त मृदा
- इसकी खेती के लिए दोमट मृदा उपयुक्त मानी जाती है, जिसमें उचित जल निकास एवं पर्याप्त कार्बनिक पदार्थ उपलब्ध हों.
- इसके साथ ही 6.5 से 7.5 पीएच मान उपयुक्त माना जाता है.Celery Cultivation
उन्नत किस्में
- अजवाइन की उन्नत किस्मों में गुजरात अजवाइन-1, अजमेर अजवाइन-1, अजमेर अजवाइन-2, प्रताप अजवाइन-1 का नाम आता है.
- किसान इन किस्मों की बुवाई कर अच्छा मुनाफा ले सकते हैं.Celery Cultivation
बुवाई का समय

- रबी की फसल के लिए सितंबर से अक्टूबर में बुवाई करें, तो वहीं खरीफ फसल के लिए जुलाई से अगस्त में बुवाई के लिए उपयुक्त है.Celery Cultivation
बीज की मात्रा
- रबी सीजन में करीब 2.5 से 3.5 किलोग्राम बीज प्रति हेक्यटर चाहिए, वहीं खरीफ सीजन के लिए 4 से 5 किलोग्राम बीज प्रति हेक्टेयर चाहिए.
- अजवाइन की बुवाई में कतार से कतार की दूरी 45 से.मी. होनी चाहिए, तो वहीं पौधे से पौधे की दूरी 20 से 30 से.मी. होनी चाहिए.Celery Cultivation
बीज उपचार
- बुवाई से पहले बीजों को कार्बन्डेजिम/केप्टान/ थिरम 2-3 ग्राम प्रति किलोग्राम के हिसाब से उचारित कर लेना चाहिए.
- अजवाइन की बुवाई में कतार से कतार की दूरी 45 से.मी. होनी चाहिए, तो वहीं पौधे से पौधे की दूरी 20 से 30 से.मी. होनी चाहिए.Celery Cultivation
बुवाई विधि
- अजवाइन की बुवाई में कतार से कतार की दूरी 45 से.मी. होनी चाहिए, तो वहीं पौधे से पौधे की दूरी 20 से 30 से.मी. होनी चाहिए.Celery Cultivation
खाद एवं उर्वरक

- बुवाई से एक महीने पहले खेत में 8 से 10 टन प्रति हेक्टेयर सड़ी हुई गोबर की खाद मिलाएं.Celery Cultivation
- इसके अलावा कम्पोस्ट भी अच्छी तरह मिला सकते हैं.
- इसके अलावा आखिरी जुताई के समय खेत में 90 किलोग्राम नाइट्रोजन, 40 किलोग्राम फॉस्फेट, 30 किलोग्राम पोटाश, नाइट्रोजन की आधी मात्रा, फॉस्फोरस तथा पोटाश की सम्पूर्ण मात्रा मिलाएं.
- बाकी मात्रा बुवाई के 30 से 60 दिन बाद टॉपड्रेसिंग के रूप में सिंचाई के साथ दें.Celery Cultivation
सिचांई
- अजवाइन की खेती में 4 से 5 सिंचाई 15 से 25 दिनों के अन्तराल में मिट्टी और मौसम करनी चाहिए.Celery Cultivation
खरपतवार नियंत्रण
- बुवाई के बाद और बीज अंकुरण से पहले ऑक्सीडाइआर्जिल का 75 ग्राम प्रति हेक्टेयर की दर से छिड़काव कर दें.
- इसके बाद बुवाई के 45 दिन बाद गुड़ाई करें.Celery Cultivation

रोग से बचाव
- छाछ्या रोग से बचाने के लिए 20 से 25 किलोग्राम सल्फर का खड़ी फसल पर भुरकाव कर दें.
- जड़ गलन में थाईरेम या केपटन 5 ग्राम प्रति किलो बीज की दर से बीज उपचार करें.
- माहू या एफिड से बचाव के लिए डॉइमेथोएट 03 प्रतिशत और इमेडाक्लोरॉफीड 0.003 प्रतिशत का छिड़काव करें.Celery Cultivation
उत्पादन
- किसान भाईयों को सिंचित क्षेत्र में प्रति हेक्टेयर करीब 12 से 15 क्विंटल उपज मिल जाएगी.
- तो वहीं असिंचित क्षेत्र में प्रति हेक्टेयर करीब 4 से 6 क्विंटल तक उपज प्राप्त होगी.Celery Cultivation
Celery Cultivation उन्नत खेती, उन्नत किस्म और बुआई का सही तरीका।