Cervical Cancer: की बड़ी वजह हो सकता हैं शारीरिक सबंध,सर्वाइकल कैंसर भारतीय महिलाओं में दूसरा सबसे आम कैंसर है। देश को अपना पहला स्वदेशी टीका मिल गया है। नाम है- क्वाड्रिवेलेंट ह्यूमन पैपिलोमा वायरस वैक्सीन (qHPV), जिसे सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) और केंद्र सरकार के जैव प्रौद्योगिकी विभाग (DBT) द्वारा संयुक्त रूप से विकसित किया गया है। जल्द ही बाजार में इसकी बिक्री शुरू हो जाएगी।
क्या होता है Cervical Cancer: सर्वाइकल कैंसर महिलाओं में सर्विक्स की कोशिकाओं को प्रभावित करता है। गर्भाशय ग्रीवा गर्भाशय के निचले हिस्से का वह हिस्सा होता है जो योनि से जुड़ा होता है। सर्वाइकल कैंसर इस हिस्से की कोशिकाओं को प्रभावित करता है। सर्वाइकल कैंसर के अधिकांश मामले ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (एचपीवी) के विभिन्न प्रकार के एचपीवी स्ट्रेन के कारण होते हैं। एचपीवी एक बहुत ही सामान्य यौन संचारित रोग है जो जननांग मौसा के रूप में प्रकट होता है। धीरे-धीरे, वे गर्भाशय ग्रीवा की कोशिकाओं को कैंसर कोशिकाओं में बदल देते हैं।

सर्वाइकल कैंसर महिलाओं में सर्विक्स की कोशिकाओं को प्रभावित करता है
कुछ आंकड़ों पर एक नजर
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO की इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर (IARC-WHO) के अनुसार…
भारत में हर साल 1.23 लाख सर्वाइकल कैंसर के मामले सामने आते हैं।
इसकी वजह से हर साल 67 हजार महिलाओं की मौत हो जाती है।
देश की महिलाओं में दूसरा आम कैंसर।
सर्वाइकल कैंसर के मामले में भारत दुनिया में 5वें स्थान पर है।
सर्वाइकल कैंसर से जुड़े सवालों के जवाब विस्तार से…
हमारे विशेषज्ञ दिल्ली के डॉ. आयुष पांडेय, डॉ. अंशुमान कुमार, निदेशक, सर्जिकल ऑन्कोलॉजी विभाग, धर्मशिला कैंसर अस्पताल और अनुसंधान केंद्र और राजीव गांधी कैंसर संस्थान की डॉ. वंदना हैं।
प्रश्न- सर्वाइकल कैंसर क्या है?
उत्तर- गर्भाशय के निचले हिस्से यानी महिलाओं के गर्भाशय को सर्विक्स कहते हैं। सर्वाइकल कैंसर महिलाओं के गर्भाशय ग्रीवा की कोशिकाओं को प्रभावित करता है। इसे गर्भाशय के मुंह का कैंसर भी कहा जाता है।कई लोगों के मन में यह सवाल होता है कि यह गर्भाशय ग्रीवा को प्रभावित करता है।
प्रश्न- सर्वाइकल कैंसर के अधिकांश मामलों का क्या कारण होता है?
उत्तर- ज्यादातर मामले ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (एचपीवी) के विभिन्न प्रकारों के कारण होते हैं।
प्रश्न- किन महिलाओं को सर्वाइकल कैंसर होने का खतरा अधिक होता है?
उत्तर- इसका वायरस पुरुषों के जरिए महिलाओं तक पहुंचता है। 35 से 44 वर्ष की महिलाओं को इसका खतरा अधिक होता है। 15% से अधिक नए मामले 65 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं में हैं, खासकर वे जो नियमित जांच नहीं करवाते हैं।
इन 5 मामलों में महिलाओं को सर्वाइकल कैंसर होने का खतरा अधिक होता है।
कमजोर प्रतिरक्षा
गंभीर बीमारी से पीड़ित
एक से अधिक यौन साथी होना।
लगातार 5 साल से अधिक समय तक गर्भनिरोधक गोलियां लेना।
सिगरेट पीने से।
प्रश्न- किसी भी महिला को कैसे पता चलेगा कि उसे सर्वाइकल कैंसर है या नहीं?
उत्तर- सर्वाइकल कैंसर के विकसित होने में आमतौर पर 10-15 साल लगते हैं। 35 साल से अधिक उम्र की महिलाओं के लिए इसके लक्षणों पर नजर रखना बेहद जरूरी है।

जननांग मौसा के रूप में प्रकट होता
प्रश्न- सर्वाइकल कैंसर का पता लगाने के लिए कौन सा टेस्ट किया जा सकता है?
उत्तर- पैप स्मीयर टेस्ट और एचपीवी टेस्ट।
प्रश्न- महिलाओं को यह टेस्ट कब और किस उम्र में करवाना चाहिए?
उत्तर- अमेरिकन कैंसर सोसायटी के अनुसार- 25 से 65 वर्ष की आयु की महिलाओं को सर्वाइकल कैंसर की जांच करवानी चाहिए।महिलाओं को यह टेस्ट हर 5 साल या हर 3 साल में करवाना चाहिए।
प्रश्न- मुझे डॉक्टर को कब बुलाना पड़ सकता है?
उत्तर- एक उम्र के बाद महिलाओं को पीरियड्स आना बंद हो जाते हैं, ऐसी स्थिति को मेनोपॉज कहते हैं। मेनोपॉज के बाद ब्लीडिंग होना सामान्य नहीं है। अगर आपके साथ भी ऐसा होता है तो डॉक्टर को जरूर दिखाएं।कुछ महिलाओं को शारीरिक संबंध बनाने के बाद ब्लीडिंग होती है। अगर ब्लीडिंग सामान्य से ज्यादा हो रही है तो डॉक्टर को जरूर दिखाएं।अगर आपको कमजोरी महसूस हो रही है और प्राइवेट पार्ट से ज्यादा ब्लीडिंग हो रही है तो भी डॉक्टर को दिखाएं।
प्रश्न- सर्वाइकल कैंसर कितने प्रकार का होता है?
उत्तर- ये तीन प्रकार के होते हैं-त्वचा कोशिकाओं का कार्सिनोमा
ग्रंथिकर्कटता
मिश्रित कार्सिनोमा
प्रश्न- सर्वाइकल कैंसर पर वैक्सीन का कितना असर होगा?
उत्तर- नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन में इंडियन जर्नल ऑफ मेडिकल एंड पीडियाट्रिक ऑन्कोलॉजी की एक रिपोर्ट प्रकाशित हुई थी, जिसके अनुसार…एचपीवी वैक्सीन का 3 साल तक अध्ययन किया गया, जिसमें यह 95.8% कारगर साबित हुआ।
यह टीका महिलाओं को सर्वाइकल कैंसर और वुल्वर कैंसर से बचाने में 100% कारगर है।
प्रश्न- सर्वाइकल कैंसर के टीके की लागत कितनी होगी?
उत्तर- एसआईआई के प्रमुख अदार पूनावाला का कहना है कि वैक्सीन की कीमत को लेकर भारत सरकार से बातचीत चल रही है। इसकी कीमत 200 से 400 रुपये के बीच होगी।

सर्वाइकल कैंसर पर WHO का डेटा
दुनिया भर में 2020 में 6 लाख से ज्यादा मामले सामने आए और 3.42 लाख मौतें हुईं।
इनमें से 90% मामले निम्न और मध्यम आय वाले देशों से आए।