CM vs CM: सीएम बिस्वा ने पांच राष्ट्रीय राजधानियों का रखा प्रस्ताव, बोले- केजरीवाल राज्यों का उड़ाते हैं मज़ाक
असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने सोमवार को फिर अरविंद केजरीवाल पर हमला बोला। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा कि दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल बातचीत में लगे हुए हैं। उनकी आदत दूसरे राज्यों का मजाक उड़ाने की है। मेरा विचार है कि हमें असमानता की बीमारी को ठीक करने पर काम करना चाहिए, ना कि गरीब राज्यों का मजाक उड़ाने पर।
बीते कई दिनों से असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल में जंग जारी है। दोनों ट्विटर पर पोस्ट कर-कर के एक दूसरे पर तीखे हमले कर रहे हैं। अब सोमवार को सरमा ने केजरीवाल पर आरोप लगाया है कि वे सिर्फ दूसरे राज्यों का मजाक उड़ाना चाहते हैं। इसके साथ ही उन्होंने देश में क्षेत्रीय असमानता को समाप्त करने के लिए भी एक अनोखा सुझाव दिया है। उन्होंने देश में पांच राष्ट्रीय राजधानियों को बनाने का प्रस्ताव रखा है।
पांच राजधानियों का रखा प्रस्ताव
असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने सोमवार को फिर एक के बाद एक तीन ट्वीट करके अरविंद केजरीवाल पर हमला बोला। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा कि दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल बातचीत में लगे हुए हैं। उनकी आदत दूसरे राज्यों का मजाक उड़ाने की है। मेरा विचार है कि हमें असमानता की बीमारी को ठीक करने पर काम करना चाहिए, ना कि गरीब राज्यों का मजाक उड़ाने पर। क्या हमारे पास भारत की 5 राजधानियां हो सकती हैं, हर क्षेत्र में एक?
केजरीवाल पर कसा तंज
इसके बाद अगले ट्वीट में उन्होंने लिखा कि इससे यह सुनिश्चित होगा, दिल्ली जैसी सरकारों के पास उत्तर पूर्व और पूर्व के राज्यों की तुलना में ज्यादा संपत्ति नहीं है। इसके अलावा निश्चित रूप से हमें इसकी भी जानकारी होगी कि हम पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में स्वास्थ्य, शिक्षा, संचार के क्षेत्र में क्या काम कर रहे हैं। जो कि पिछले 75 वर्षों में नहीं किया जा रहा था।
सीएम सरमा ने दावा किया कि पूर्वोत्तर को मुख्यधारा में लाने की प्रक्रिया 2014 में शुरू हुई थी और तब से यह क्षेत्र निरंतर गति से आगे बढ़ रहा है। उन्होंने अपने एक अन्य ट्वीट में कहा कि आखिरकार, सात दशकों के इनकार और लापरवाही के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में उत्तर पूर्व को मुख्यधारा में लाने की प्रक्रिया शुरू हुई थी। तबसे अब तक प्रगति की गति अविश्वसनीय है। उन्होंने कहा कि उत्तर पूर्व को सहानुभूति और उपहास की आवश्यकता नहीं है, हमें सम्मान , संसाधन और उत्थान चाहिए।
गौरतलब है कि आप व भाजपा के बीच दिल्ली की शराब नीति को लेकर पहले से जंग छिड़ी हुई है। वहीं, सरमा की पत्नी पर पीपीई किट घोटाले के दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के आरोपों से भी असम के सीएम खफा है। वे सिसोदिया के खिलाफ मानहानि केस दायर कर चुके हैं।
सरमा v/s केजरीवाल: यूं शुरू हुई जुबानी जंग
- दरअसल, दोनों सीएम के बीच जुबानी जंग की शुरुआत असम सरकार के स्कूल संबंधी फैसले को लेकर हुई।
- असम सरकार ने फैसला किया है कि जिन स्कूलों के कक्षा 10 वीं के बच्चे फेल हो गए हैं, उन्हें बंद किया जाएगा।
- इस पर केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा था कि स्कूल बंद करना समस्या का समाधान नहीं है।
- इसके जवाब में असम के सीएम सरमा ने उन स्कूलों की सूची जारी की, जो उनके शिक्षा मंत्री के कार्यकाल के दौरान खोले गए थे।
- इसके बाद केजरीवाल ने जवाब दिया कि उनका इरादा असम सरकार की आलोचना करना नहीं था। उन्होंने कहा कि वे असम सरकार के अच्छे काम देखने के लिए राज्य का दौरा करेंगे। भारत तभी नंबर-1 बनेगा, जब हम एक दूसरे से सीखेंगे। इसके साथ ही केजरीवाल ने अपने ‘मेक इंडिया नंबर-1’ अभियान का भी जिक्र किया।
असम दिल्ली से 50 गुना बड़ा है : सरमा
इसके जवाब में सरमा ने ट्वीट किया, ‘डियर केजरीवाल जी, आपकी अज्ञानता पीड़ादायक है। मैं आपको बताता हूं। असम दिल्ली से 50 गुना बड़ा है। हमारे 44,521 सरकारी स्कूलों में 65 लाख बच्चे पढ़ते हैं। जबकि दिल्ली में 1000 से कुछ ज्यादा स्कूल हैं। हमारे पास दो लाख शिक्षकों की समर्पित सेना है। 1.18 लाख मिड डे मील वर्कर हैं। हमारी चुनौतियों को आप देखेंगे तो प्रवचन देना भूल जाएंगे। असम बाढ़, आतंकवाद जैसी चुनौतियों का सामना करते हैं। हमारे पास दिल्ली जैसे संसाधन नहीं हैं। जब आप असम आओगे तो मैं आपको मेडिकल कॉलेज ले जाऊंगा, ये आपके मोहल्ला क्लिनिक से बेहतर हैं। मैं आपको हमारे होनहार विद्यार्थियों और शिक्षकों से भी मिलवाऊंगा।
रविवार को लगाया था आरोप
असम के मुख्यमंत्री ने रविवार को आरोप लगाया था कि दिल्ली के उनके समकक्ष दिल्ली को लंदन या पेरिस में बदलने के अपने वादे को पूरा करने में अपनी विफलता को छिपाने के लिए राष्ट्रीय राजधानी की तुलना असम और पूर्वोत्तर के छोटे शहरों से कर रहे हैं।