Goat Farming: भारत में तकरीबन 50 से अधिक बकरी की नस्लें मौजूद हैं. हालांकि, इन 50 नस्लों में कुछ ही बकरियों का उपयोग व्यवसायिक स्तर पर किया जाता है. ऐसे में किसानों को इस बात की जानकारी होनी बेहद जरूरी कि किस नस्ल की बकरी पालन करने से मुनाफा बढ़ जाएगा.
Goat Farming: विशेषज्ञों का कहना है कि गाय-भैंस के पालन के मुकाबले में बकरी पालन के क्षेत्र में लागत कम है, लेकिन मुनाफा दोगुना है. भारत में पिछले कुछ सालों में पशुपालन का व्यवसाय काफी तेजी से फला और फूला है. इसमें भी बकरी पालन के क्षेत्र में अच्छा-खासा ग्रोथ देखने को मिला है.

Goat Farming: आप को बता दे की भारत में तकरीबन 50 से अधिक बकरी की नस्लें मौजूद हैं. हालांकि, इन 50 नस्लों में कुछ ही बकरियों का उपयोग व्यवसायिक स्तर पर किया जाता है. ऐसे में किसानों को इस बात की जानकारी होनी बेहद जरूरी कि किस नस्ल की बकरी पालन करने से मुनाफा बढ़ जाएगा.
जमुनापारी नस्ल
बकरियों की नस्ल में से एक है जमुनापारी बकरी की नस्ल इसको बिजनेस के लिए बेहद उपयुक्त माना जाता है. विशेषज्ञों का कहना है कि ये नस्ल कम चारे में अधिक दूध देती है. इसके अलावा इस बकरी के मांस में अधिक प्रोटीन भी अधिक होता है. यही वजह है बाजार में इस नस्ल की मांग अधिक रहती है.

बीटल नस्ल
जमुनापारी नस्ल के बाद बीटल नस्ल की बकरियों का पालन सबसे अधिक किया जाता है. इस नस्ल से पशुपालक 2 से 3 लीटर दूध रोजाना निकाल सकते हैं. इसके अलावा बाजार में इसका मांस भी अच्छे कीमतों पर बिकता है.
सिरोही नस्ल
सिरोही नस्ल की बकरी को पशुपालक सबसे अधिक पालते हैं. इस नस्ल का विकास बेहद तेजी से होता है. इसके अलावा इस नस्ल के पालन में अन्य बकरियों के मुकाबले खर्च भी कम आता है.

उस्मानाबादी नस्ल
इस नस्ल को पशुपालक भाई मांस व्यवसाय के लिए पालते हैं. बकरी के दूध के लिए इस नस्ल का पालन ना करें. दूध देनेे की क्षमता इस बकरी में बेहद कम होती है.
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बरबरी नस्ल
इस नस्ल को आप आसानी से कहीं भी पाल सकते हैं. बरबरी नस्ल की बकरी का मांस बहुत अच्छा होता है और दूध की मात्रा भी काफी अच्छी होती है.