Business Idea: सर्पगंधा की खेती कर कमाए लाखो रूपये, कितना करना होगा इन्वेस्ट, कितनी होगी कमाई, जानिए खेती करने का तरीका। सर्पगंधा की खेती भारत में कई सौ वर्षों से हो रही है। उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, ओडिशा, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र और केरल जैसे राज्यों में इसकी खेती से मुख्य रूप से होती है। हालांकि जलभराव वाले क्षेत्रों में इसकी खेती नहीं की जा सकती।
सर्पगंधा के बीज की कीमत 3000 रुपए किलो होती है (The cost of sarpagandha seeds is 3000 rupees per kg.)
सर्पगंधा की खेती कर किसान भाई अपनी आमदनी काफी बढ़ा सकते हैं। इस औषधीय पौधों की खेती में कमाई के भरपूर अवसर हैं, क्योंकि इसके फूल, पत्ते, बीज और जड़ों तक की बिक्री होती है। सर्पगंधा के बीज की कीमत 3000 रुपए किलो है। कमाई और उपयोगिता को देखते हुए किसान पारंपरिक फसलों के अलावा सर्पगंधा और अन्य औषधीय पौधों की खेती कर रहे हैं।
भारत में कई सालो से कई जिलों में हो रही है सर्पगंधा की खेती (Sarpagandha is being cultivated in many districts in India for many years.)
सर्पगंधा की खेती भारत में कई सौ वर्षों से हो रही है। उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, ओडिशा, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र और केरल जैसे राज्यों में इसकी खेती से मुख्य रूप से होती है। हालांकि जलभराव वाले क्षेत्रों में इसकी खेती नहीं की जा सकती। रेतीली दोमट और काली कपासिया मिट्टी को सर्पगंधा की खेती के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है।
जानिए सर्पगंधा की खेती का तरीका (Know the method of cultivation of Sarpagandha)
अगर आप भी सर्पगंधा की खेती करने की योजना बना रहे हैं तो आप एक उपजाऊ खेत का चयन करिए. पहले अच्छे से जुताई करा कर खेत में सड़ी गोबर की खाद डाल दीजिए। बीज बोने से पहले 12 घंटे तक पानी में डूबोकर रखने की सलाह दी जाती है। माना जाता है इस विधि से बुवाई करने पर पौधे की बढ़वार और पैदावार अच्छी होती है। बीज से बुवाई के अलावा जड़ों से भी सर्पगंधा की बुवाई की जाती है। इसके लिए जड़ को मिट्टी और रेत में मिलाकर पॉलीथीन की थैलियों में में रखा जाता है। एक माह में जड़ों के अंकुरित होने के बाद इसकी खेत में रोपाई की जाती है।
खेती करते समय इन महत्वपूर्ण बातों का रखें ध्यान (Keep these important things in mind while doing farming)
पौधे जब तैयार हो जाते हैं तो फूल आता है। हालांकि कृषि विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि पहली बार फूल आने पर उसे तोड़ देना चाहिए। दूसरी बार फूल आने पर उसे बीज बनने के लिए छोड़ दिया जाता है। किसान भाई सप्ताह में दो बार बीजों को चुन सकते हैं।
सर्पगंधा का पौधा ढाई साल तक देता है पैदावार (Sarpagandha plant gives yield for two and a half years)
वैसे तो सर्पगंधा का पौधा 4 साल तक फूल और बीज दे सकता है। लेकिन कृषि विशेषज्ञ 30 माह तक पौधों से पैदावार लेने की सलाह देते हैं। इसके बाद गुणवत्ता में कमी आ जाती है और उसका अच्छा भाव नहीं मिलता।
सर्पगंधा की जड़ो को सूखाकर औषधीय के लिए बेचते हैं (The roots of Sarpagandha are dried and sold for medicinal purposes.)
ऐसा नहीं है कि जब आप सर्पगंधा के पौधों को उखाड़ देंगे तो वह बेकार हो जाएगा। इस औषधीय पौधे के जड़ों की भी बिक्री होती है। इससे तमाम तरह की दवाइयां बनाई जाती हैं। जड़ों को बेचने के लिए किसान पौधे को उखाड़ने के बाद सूखा देते हैं और सूखे हुए जड़ से किसान भाई पैसा कमाते हैं।