DAP Urea Rate: महंगाई ने तोड़ी किसानो की कमर, पेट्रोल-डीज़ल के साथ बढे DAP खाद के दाम, यहाँ देखे 1 बोरी DAP का रेट। डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी से पहले ही किसान परेशान है, ऐसे में डीएपी खाद के दाम में भी भारी इजाफा हुआ है। डीएपी के 50 किलो के बैग पर 150 रुपये बढ़ा दिए गए हैं।
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यहाँ देखे DAP खाद की कीमत में कितनी बढ़ोत्तरी हुई है
See here how much the price of DAP fertilizer has increased
किसानों द्वारा फसलों में सर्वाधिक इस्तेमाल होने वाले डीएपी खाद की कीमत 150 रुपये प्रति कट्टा बढ़ गई है। पहले 50 किलोग्राम के बैग की कीमत 1200 रुपये थी। जो अब 1350 रुपये हो गई है। उधर, यूरिया की कीमत नहीं बढ़ी, लेकिन बैग में पांच किलो माल कम हो गया है। 50 किलो की जगह यूरिया बैग में 45 किलो खाद आएगा।
कई जिलों में नहीं मिल पा रहा है DAP खाद
DAP fertilizer is not available in many districts

जिले में पिछले साल 58 हजार मीट्रिक टन DAP का इस्तेमाल हुआ था। समय पर DAP नहीं मिलने से किसानों को परेशानी उठानी पड़ी थी। इस बार DAP की नई रेक पांच अप्रैल तक आगरा आ सकती है। जिला कृषि अधिकारी विनोद सिंह ने बताया कि DAP पर 150 रुपये बढ़ने से 1200 रुपये कीमत का बैग अब 1350 रुपये में मिलेगा।
यहाँ जाने यूरिया की 1 बोरी का रेट
Know here the rate of 1 bag of urea

वहीं यूरिया का 45 किलो का बैग 267 रुपये में मिलेगा, जबकि एनपीके खाद की कीमतें कंपनी व मिश्रण के अनुपात के हिसाब से अलग-अलग हैं। आगरा में सबसे ज्यादा DAP व यूरिया इस्तेमाल होता है। अब जिले में जायद फसलों का सीजन शुरू हो गया है। इसमें मूंग, उड़द, मक्का इत्यादि दलहन की फसलें होंगी। इनमें डीएपी नई रेट पर किसानों को खरीदना पड़ेगा। जुलाई में धान व बाजरा की बुआई के लिए खरीफ फसल में डीएपी का इस्तेमाल होता है।
एक किसान सलाहकार ने बताया की खेती की लागत बढ़ रही है पर मुनाफा नहीं बढ़ रहा है
A farmer advisor told that the cost of cultivation is increasing but the profit is not increasing.
राज्य किसान सलाहकार समिति के सदस्य ने बताया कि खेती की लागत बढ़ रही है, लेकिन किसानों का मुनाफा नहीं बढ़ रहा है। डीएपी महंगी होने से किसानों पर आर्थिक बोझ बढ़ेगा। बता दें डीजल की कीमत बढ़ने से किसान पहले ही परेशान हैं। किसान की खेती का ज्यादातर काम ईधन पर निर्भर है। खेत की जुताई से लेकर कटाई और फसल को मंडी ले जाने तक किसान ट्रैक्टर का इस्तेमाल करते हैं। ऐसे में डीजल के रेट में हुई बढ़ोतरी किसानों के सामने पहले से ही बड़ी समस्या बनी हुई है।