Jewelry Protection: सोने-हीरे के कीमती गहनों को घर में सुरक्षित रखना बहुत मुश्किल है। घर में रखे जेवर सुरक्षित हैं या नहीं इस बात का डर हमेशा बना रहता है। बैंक लॉकर में गहने रखना हर किसी के लिए आसान नहीं होता है। उपनगरीय क्षेत्रों में आभूषणों को घर पर रखना अभी भी एक प्रथा है। घर में आभूषण रखने से चोरी होने की संभावना बहुत अधिक हो जाती है। घर में ज्वेलरी रखने के लिए क्या करें जिससे आपके ज्वेलरी सुरक्षित रहे। तो आइए जानते हैं कि कैसे आप घर में बिना लॉकर के अपने गहनों को सुरक्षित रख सकते हैं।
आर्थिक नुकसान की चिंता न करें
ज्वैलरी इंश्योरेंस कवर लें, ताकि घर से गायब होने, ज्वैलरी चोरी होने की स्थिति में आपको आर्थिक नुकसान की चिंता न करनी पड़े। आभूषणों की सुरक्षा के लिए बीमा कंपनियां दो तरह की पॉलिसी पेश करती हैं। एक स्टैंडअलोन ज्वैलरी पॉलिसी है और दूसरी होम इंश्योरेंस पॉलिसी है। गृह बीमा पॉलिसियों की अपनी सीमाएँ होती हैं। यदि गृह बीमा पॉलिसी के तहत बीमा कवर लेने के बाद आभूषण चोरी हो जाता है, तो आभूषण का पूरा मूल्य नहीं वसूला जाता है। सवार ही है। गहनों की पूरी सुरक्षा के लिए एक स्टैंडअलोन ज्वैलरी बीमा पॉलिसी लेनी चाहिए। यह पॉलिसी गहनों के लिए पूर्ण बीमा कवर प्रदान करती है।
पॉलिसी लेने से पहले की जानकारी
ज्वैलरी इंश्योरेंस पॉलिसी लेने से पहले गहनों का मार्केट वैल्यूएशन जान लें। यह आपको किसी भी नजदीकी अधिकृत ज्वैलरी शॉप से मिल जाएगी। ऐसा करने में विफल रहने पर बीमा दावा करते समय बीमा कंपनी द्वारा आपके आभूषणों का कम मूल्यांकन किया जा सकता है और आपको नुकसान हो सकता है।
बीमा प्रीमियम
आभूषणों के बीमा के लिए प्रीमियम बहुत महंगा नहीं है। आभूषण बीमा के लिए बीमा कंपनियां 1 लाख रुपये की बीमा राशि पर 1,000 रुपये का प्रीमियम लेती हैं। यानी अगर आपके पास 10 लाख रुपये की ज्वैलरी है तो आपको सालाना 10,000 रुपये का प्रीमियम देना होगा। यदि आप एक ही समय में अन्य वस्तुओं का कवर लेते हैं, तो बीमा कंपनी प्रीमियम में भी छूट देती है।
इन बातों का रखें ख्याल
ज्वैलरी की पॉलिसी लेने से पहले उसके रिफंड नियमों को अच्छी तरह पढ़ लें। बीमा कंपनी की रिफंड पॉलिसी क्या है? आभूषण गुम होने की स्थिति में, दावा लेने के लिए आपको जो प्रक्रिया अपनानी होगी, उसके बारे में जानकारी प्राप्त करें। उसके बाद ही पॉलिसी लेने का फैसला करें। ज्वैलरी पॉलिसी में आग और प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान को भी कवर किया जाता है।