कर्ज में डूबे छोटे भाई को मुकेश अंबानी ने बचाया, खरीद लिया उनका पूरा कारोबार, जानिए कितने में हुआ सौदा शेयर बाजार को दी जानकारी के मुताबिक, ‘‘आरआईटीएल की मौजूदा चुकता इक्विटी शेयर पूंजी को रद्द कर दिया गया है।
कर्ज में डूबी अनिल अम्बानी की रिलायंस कंपनी (debt-ridden reliance company of anil ambani)

रिलायंस जियो की अनुषंगी कंपनी रिलायंस प्रोजेक्ट्स एंड प्रॉपर्टी मैनेजमेंट सर्विसेज लिमिटेड (आरपीपीएमएसएल) ने अनिल अंबानी की कर्ज में डूबी कंपनी रिलायंस इन्फ्राटेल में लगभग 3,725 करोड़ रुपये में 100 प्रतिशत हिस्सेदारी का अधिग्रहण किया है। रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने गुरुवार को यह जानकारी दी। अरबपति कारोबारी मुकेश अंबानी की अगुवाई वाली जियो ने नवंबर 2019 में रिलायंस कम्युनिकेशंस की कर्ज में डूबी अनुषंगी कंपनी की टावर और फाइबर संपत्ति को हासिल करने के लिए 3,720 करोड़ रुपये की बोली लगाई थी। रिलायंस कम्युनिकेशंस का प्रबंधन मुकेश अंबानी के छोटे भाई अनिल अंबानी के पास था।
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एनसीएलटी से मिली मंजूरी (Approval from NCLT)

राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) ने नवंबर में आरपीपीएमएसएल को रिलायंस इन्फ्राटेल (आरआईटीएल) के अधिग्रहण के लिए मंजूरी दे दी थी। आरआईएल ने शेयर बाजार को बताया कि आरआईटीएल ने बृहस्पतिवार को आरपीपीएमएसएल को 10 रुपये अंकित मूल्य के 50 लाख इक्विटी शेयर आवंटित किए। इसके अलावा 372 करोड़ जीरो कूपन जारी किए गए, जो वैकल्पिक रूप से 10 रुपये मूल्य के ऋण पत्रों में पूरी तरह बदले जा सकते हैं। यह सौदा 3,720 करोड़ रुपये में हुआ।
100 प्रतिशत इक्विटी शेयर पूंजी आ गई (100% equity share capital raised)
शेयर बाजार को दी जानकारी के मुताबिक, ‘‘आरआईटीएल की मौजूदा चुकता इक्विटी शेयर पूंजी को रद्द कर दिया गया है। इसके बाद आरपीपीएमएसएल के पास आरआईटीएल की 100 प्रतिशत इक्विटी शेयर पूंजी आ गई है।’’ रिलायंस इन्फ्राटेल की मोबाइल टावर और फाइबर संपत्तियों के अधिग्रहण के लिए रिलायंस ने एसबीआई एस्क्रो खाते में 3,720 करोड़ रुपये जमा किए थे।