Latest News: अमेरिका में PM मोदी और गौतम अडानी तथा मोहन रेड्डी के खिलाफ केस, भारतीय डॉक्टर का बड़ा आरोप
अमेरिका में भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी और बिजनेस टाइकून गौतम अडानी के खिलाफ भ्रष्टाचार और पेगासस स्पाइवेयर सहित कई मुद्दों पर मुकदमा दायर किया है। ये मुकदमा भारतीय मूल के एक डॉक्टर ने दर्ज कराया है, जिसमें इन तीनों के खिलाफ कई आरोप लगाए गये हैं। मुकदमा दायर होने के बाद डिस्ट्रिक्ट ऑफ कोलंबिया के लिए यूएस डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने इन सभी नेताओं के साथ-साथ कई अन्य लोगों को भी समन जारी किया है, जो इस साल की शुरुआत में भारत में उन्हें तामील किए गए थे।
किन लोगों के खिलाफ मुकदमा?
न्यूयॉर्क के प्रख्यात भारतीय-अमेरिकी वकील रवि बत्रा ने इसे ‘डेड ऑन अराइवल मुकदमा’ करार दिया है। जिसमें पीएम मोदी, जगन मोहन रेड्डी और गौतम अडानी के खिलाफ रिचमंड स्थित गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट डॉ लोकेश वुयुरु ने मुकदमा दायर किया है। मुकदमे में नामित अन्य लोगों में विश्व आर्थिक मंच के संस्थापक और अध्यक्ष प्रोफेसर क्लॉस श्वाब भी शामिल हैं। हालांकि, आंध्र प्रदेश से आने वाले इंडियन-अमेरिकन डॉक्टर लोकेश वुयुरु ने अपने मुकदमे के साथ कोई भी दस्तावेजी सबूत पेश नहीं किए हैं और उन्होंने आरोप लगाया है कि, पीएम मोदी, सीएम रेड्डी और गौतम अडानी और मुकदमे में शामिल अन्य लोग अमेरिका में भ्रष्टाचार में शामिल हैं, जिसमें विशालकाय मनी ट्रांजेक्शन और राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ पेगासस स्पाइवेयर का इस्तेमाल शामिल है।
24 मई को दायर किया गया मुकदमा
ये मुकदमा 24 मई को दायर किया गया है, जिसके बाद अदालत ने 22 जुलाई को इन तीनों को समन जारी किया था। उन्हें भारत में 4 अगस्त को और 2 अगस्त को स्विट्जरलैंड के श्वाब को सम्मन दिया गया था। डॉ वुयुरु ने 19 अगस्त को अदालत के समक्ष समन प्रस्तुत करने के साक्ष्य प्रस्तुत किए। हालांकि, मुकदमे के बारे में पूछे जाने पर भारतीय-अमेरिकी वकील रवि बत्रा ने कहा कि, डॉ लोकेश वुयुरु के पास बहुत ज्यादा खाली समय है और उनके पास करने के लिए कोई और काम नहीं है, इसीलिए वो भारत के महान हस्तियों को अमेरिका में बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं।
वकिल बत्रा ने क्या कहा?
वकील रवि बत्रा ने पीटीआई से कहा कि, ‘डॉक्टर लोकेश वुयुरु के पास बहुत खाली समय है और वो हमारी अदालतों का भी वक्त बर्बाद करने के लिए 53 पन्नों का एक शिकायत पत्र पेश किया है, ताकि अमेरिका के सहयोगी देश भारत के प्रमुख हस्तियों को बदनाम किया जा सके”। उन्होंने कहा कि, उनका ये मुकदमा ‘अतिरिक्त-क्षेत्रीयता और विदेशी संप्रभु प्रतिरक्षा अधिनियम ‘ का भी उल्लंघन है और हम पहले भी एसएफजे बनाम आईएनसी और एसएफजे बनाम सोनिया गांधी के मुकदमे को बर्खास्त करवा चुके हैं।”
वकील बत्रा ने कहा कि, डॉक्टर अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं और जिसके खिलाफ मन हो, मुकदमा दायर कर देते हैं, लेकिन दिक्कत ये है, कि यहां पर ऐसे लोगों के खिलाफ अदालत के सम्मान से खिलवाड़ करने को लेकर कोई नियम नहीं है”। वहीं, बत्रा ने एक सवाल के जवाब में कहा कि, ‘कोई भी वकील इस टॉयलेट पेपर ‘शिकायत’ पर हस्ताक्षर करने के लिए सहमत नहीं हुआ, क्योंकि यह एक मृत मुकदमा है।’