Lumpy Skin Disease: अफ्रीका से 3 साल पहले आया था यह वायरस, अब देश में महामारी के जैसे फैल रहा है आयात करने की वजह से यह वैक्सीन मंहगी होगी ऐसे में पशु-पालक अपने गो-वंश को बारिश के पहले गोट व शीप पाक्स की वैक्सीन लगवाकर बचाव कर सकते हैं। इसके लिए सभी राज्य केंद्र सरकार से आग्रह कर सकते हैं।
देश के कई राज्यों से लंपी वायरस की वजह से बड़ी संख्या में गो-वंश के मौत की खबर आ रही है। राजस्थान के 11 जिलों में फैलने की खबर आ रही है। साढ़े तीन हजार गो-वंश की मौत हो चुकी है। पंजाब से भी इस बीमारी के फैलने की खबर आ रही है।
क्या है लंपी पाक्स
लंपी पाक्स वायरस जनित त्वचा रोग है, जो गो-वंश में ही फैलता है। इसमें चिकन पाक्स की तरह गो-वंश के शरीर पर दाने उभर आते हैैं। उसमें मवाद भर जाता है और फिर मौत हो जाती है।
यह कैसे फैलता है?
यह मच्छर या खून पीने वाले कीड़ों से फैलता है। आम तौर पर गाय या भैैंस के तबेलों में पड़े रहने वाला खाद और दूषित पानी में पनपने वाले मच्छरों से ही यह वायरस फैलने का खतरा रहता है।
सबसे पहले कहां पाया गया लंपी वायरस?
यह वायरस लगभग 30-35 साल पहले अफ्रीका में पाया गया था। बीते 10-15 सालों में इसने दक्षिण अफ्रीका के घाना सहित अन्य इलाकों में महामारी का रूप ले लिया था। तीन साल पहले यह वायरस पहली बार भारत में पाया गया। अब इसने महामारी का रूप ले लिया है। अब यह बरसात के मौसम से पहले हर साल ही फैलेगा।
रोकथाम के क्या उपाय हैं?
तीन तरह की वैक्सीन उपलब्ध है। गोट पाक्स, शीप पाक्स और लंपी पाक्स। गोट पाक्स (बकरियों में होने वाला पाक्स) और शीप पाक्स (भेड़ों में होने वाला पाक्स ) की वैक्सीन भारत में उपलब्ध है, जबकि लंपी पाक्स की वैक्सीन भारत में अभी नहीं बनी है। कीनिया ने इसकी वैक्सीन तैयार कर ली है। भारत को यह आयात करना पड़ेगा।
यह वैक्सीन कैसे काम करती है
गो-वंश में प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने वाली बी और टी सेल होती है। इस वैक्सीन के जरिये पशुओं की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ा दी जाती है तो वायरस का असर कम हो जाता है, ठीक कोरोना वैक्सीन की तरह।