Monkeypox threatens the brain: अब तक 100 से ज्यादा देशों में फैल चुके मंकीपॉक्स का मुख्य लक्षण शरीर पर छाले पड़ना है। इसके बाकी लक्षण फ्लू जैसे ही हैं। लेकिन, हाल ही में ई-क्लिनिकल मेडिसिन जर्नल में प्रकाशित एक शोध के मुताबिक यह वायरस हमारे दिमाग को भी प्रभावित करने में सक्षम है। इससे मरीज को गंभीर मानसिक बीमारियां हो सकती हैं।
दौरे, मस्तिष्क में सूजन का खतरा
शोधकर्ताओं के मुताबिक चेचक के दिमाग पर पड़ने वाले असर की जांच पहले के शोध में की जा चुकी है। साथ ही चेचक का टीका लगवाने वाले लोगों में भी इस वायरस का असर देखा गया है। लोगों में कई तरह की स्नायविक जटिलताएं पाई गई हैं।
अब हाल ही में हुए एक शोध में वैज्ञानिकों ने मंकीपॉक्स का दिमाग पर पड़ने वाले असर को जानने की कोशिश की है. उनके अनुसार, मंकीपॉक्स से पीड़ित 2-3% लोग गंभीर रूप से बीमार होते हैं और उन्हें दौरे (दौरे) और मस्तिष्क में सूजन (एन्सेफलाइटिस) होता है। एन्सेफलाइटिस एक ऐसी स्थिति है जिसमें रोगी को जीवन भर के लिए अक्षम किया जा सकता है।
लोग भ्रम, सिरदर्द से पीड़ित हैं
इस अध्ययन ने मंकीपॉक्स पर अन्य अध्ययनों के आंकड़ों का भी आकलन किया। हालांकि, इन शोधों में शामिल लोगों की संख्या कम थी। वैज्ञानिकों के अनुसार कुछ लोगों में भ्रम की स्थिति पाई गई। इस बीमारी से पीड़ित कई लोगों में सिर दर्द, मांसपेशियों में दर्द और थकान जैसे न्यूरोलॉजिकल लक्षण भी देखे गए।
हालांकि, इससे यह साफ नहीं हो पाया था कि मरीज में ये लक्षण कितने दिन तक रहता है। चिंता और अवसाद जैसी मानसिक समस्याओं वाले रोगियों के प्रतिशत पर अधिक शोध की आवश्यकता है। जिनमें इन समस्याओं के लक्षण पाए गए उनमें से ज्यादातर का मूड डिप्रेस्ड पाया गया।
विषय पर अधिक शोध की आवश्यकता
अध्ययन में शामिल वैज्ञानिकों का कहना है कि मंकीपॉक्स के संक्रमण के दौरान सभी न्यूरोलॉजिकल और मानसिक लक्षण दिखाई देते हैं। लेकिन, इनके पीछे वायरस है या नहीं, इसकी अभी पुष्टि नहीं हो पाई है।
अगर ये समस्याएं वायरस के कारण ही हो रही हैं तो हो सकता है कि यह शरीर में प्रवेश करते ही हमारे नर्वस सिस्टम को प्रभावित कर दे। इसके अलावा गलत सूचना और बीमारी से जुड़े कलंक भी रोगी को मानसिक रूप से परेशान कर सकते हैं।