Saturday, April 1, 2023
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National Sport Day 2022: निशानेबाजी के राष्ट्रीय कोच की चिंता, कॉमनवेल्थ से शूटिंग हटा, रेसलिंग हटी तो क्या होगा ?

National Sport Day 2022: निशानेबाजी के राष्ट्रीय कोच की चिंता, कॉमनवेल्थ से शूटिंग हटा, रेसलिंग हटी तो क्या होगा ?

भारतीय टीम के निशानेबाजी कोच और ज्यूरी मेंबर दीपक दुबे ने कहा कि कॉमनवेल्थ गेम्स में शूटिंग को बाहर रखना निराशाजनक है। इससे आगे दूसरे खेल भी बाहर हो सकते हैं।

हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद की जयंती को देश में नेशनल स्पोर्ट्स डे के तौर पर मनाया जाता है। प्रदेश के प्रतिभावान खिलाड़ी अलग-अलग खेलों में बेहतरीन प्रदर्शन कर रहे हैं। भोपाल में निशानेबाजी के अंतरराष्ट्रीय समारोह के लिए ट्रायल्स चल रहे हैं। इस अवसर पर हमने भारतीय टीम के निशानेबाजी कोच और ज्यूरी मेंबर दीपक दुबे से बात की। उन्होंने कहा कि कॉमनवेल्थ गेम्स में शूटिंग को बाहर रखना निराशाजनक है। आगे चलकर दूसरे खेलों के साथ भी ऐसा हो सकता है। पेश है उनसे बातचीत के अंशः

बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स में निशानेबाजी को शामिल नहीं किया था। इसे आप कैसे देखते हैं?
दीपक दुबे: इसे काफी दुर्भाग्यपूर्ण या निराशाजनक निर्णय कहेंगे। कम समय में शूटिंग रेंज डेवलप ना करने का कारण बताया गया। कोविड के समय की दिक्कत गिनाई गई। भारत ने चड़ीगढ़ में शूटिंग कराने की पेशकश भी की थी। शूटिंग में भारत के प्रदर्शन को लेकर यह निर्णय लिया, लेकिन हम तो यही कहेंगे कि हमने एक अच्छा अवसर खो दिया। अभी सुनने में आया है कि भारत ने रेसलिंग में बहुत अच्छा प्रदर्शन किया। वेटलिफ्टिंग में अच्छा प्रदर्शन किया। आने वाले दिनों में ऐसा न हो कि जिसमें भारत अच्छा कर रहा हो और उसी खेल को इंवेट से हटा दिया जाएं।

निशानेबाजी में भारतीयों के बढ़ते दबदबे का क्या कारण मानते हैं?
दीपक दुबेः सरकार का सपोर्ट और खेलो इंडिया योजना का गांव से लेकर शहर तक प्रचार-प्रसार। इसके चलते स्कूलों में शूटिंग रेंज स्थापित हो रही हैं। इन कदमों से खेल के प्रति लोगों का रुझान बढ़ रहा है। प्रतिभाएं सामने आ रही हैं। सरकार की तरफ से खेलो इंडिया को बढ़ावा देने के कदम का इसमें अहम रोल है। अब क्रिकेट के बराबर ही दूसरे खेलों पर भी ध्यान दिया जा रहा है।

मध्यप्रदेश के निशानेबाजों के राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शन पर क्या कहेंगे? 
दीपक दुबे: मध्यप्रदेश में कुछ बेहतरीन खिलाड़ी हैं। ऐश्वर्य प्रताप सिंह, मनीषा कीर, आशी चौकसे, श्रेयश सिंह बघेल, हर्षित बिन्जुआ, गोल्डी गुर्जर, अविनाश यादव, चिंकी यादव जैसे खिलाड़ियों ने देश और विदेश में प्रदेश का नाम रौशन किया है। ऐश्वर्य प्रताप सिंह ने जूनियर शूटिंग वर्ल्ड चैंपियनशिप में 463.4 पॉइंट हासिल करके एक वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया है।

क्या मध्यप्रदेश निशानेबाजी के बड़े आयोजन के लिए तैयार है?
दीपक दुबे: देखिए, मध्यप्रदेश की शूटिंग रेंज वर्ल्ड क्लास है। यहां पर बहुत जल्दी ही इंटरनेशनल इंवेट होने की संभावना है। प्रदेश सरकार की तरफ से शूटिंग रेंज में और सुविधाएं बढ़ाने की बात कही जा रही है।

निशानेबाजी किस उम्र के खिलाड़ियों के लिए है? 
दीपक दुबे: निशानेबाजी में उम्र की सीमा का कोई बंधन नहीं है। दस वर्ष से अधिक का कोई भी खिलाड़ी निशानेबाजी कर सकता है। इस खेल में जोखिम कम है। हालांकि, शुरुआत में थोड़ा महंगा है। यदि आप अच्छा प्रदर्शन करते हैं, तो सरकार की तरफ से आपको बहुत-सी सहायता और सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती है।

मध्य प्रदेश के खेलों में आगे बढ़ने की कितनी संभावनाएं हैं?
दीपक दुबेः मध्यप्रदेश सरकार जिस प्रकार से खेलों में रुचि ले रही है। यहां के खिलाड़ी हर खेल में बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं। इससे आने वाले दिनों में और बेहतर रिजल्ट आएंगे। सरकार की तरफ से हर खेल को प्रमोशन दिया जा रहा है।

मध्य प्रदेश सरकार द्वारा खिलाड़ियों को दी जा रही सुविधाओं से आप कितने संतुष्ट हैं?
दीपक दुबेः खेलों के प्रति सरकार का रवैया सकारात्मक है। एमपी शूटिंग एकेडमी का निर्माण ही शूटिंग खेल जगत में विश्व स्तरीय खिलाड़ियों को तैयार करना और एमपी स्टेट रायफल एसोसिएशन का गांव-गांव तक योजनाओं को पहुंचना। कुल मिलाकर शूटिंग के लिए सकारात्मक माहौल तैयार हो रहा है। विधायक रमेश मेंदोला जी के नेतृत्व में शूटिंग को शहर से गांव की तरफ ले जाने में मदद मिल रही है।

नए खिलाड़ियों के लिए आपके क्या सुझाव हैं?
दीपक दुबेः निशानेबाजी एकाग्रता का खेल है। इस खेल के लिए योग और मेडिटेशन आपको एकाग्रता में मदद करते हैं। आज के समय में इलेक्ट्रानिक डिवाइस ने एकाग्रता को खत्म किया है, जो निशानेबाजी में बहुत जरूरी है।

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