PM AWAS YOJANA 2022-23 : प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत जरूरतमंदों को घर बनाने के लिए कर्ज पर सब्सिडी दी जाती है. इसके लिए लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत अपना पंजीकरण कराना होता है और अगर आप इस योजना के तहत पात्र हैं तो सरकार द्वारा घर बनाने के लिए कर्ज दिया जाता है। इस योजना के तहत देश के लोगों का पक्का घर में रहने का सपना पूरा होता है। ऐसे में जरूरी है कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत समय-समय पर अपना स्टेटस चेक करते रहें। अगर आपने भी पीएम आवास योजना के तहत अपना रजिस्ट्रेशन कराया है तो आप 2022-23 की लिस्ट देख लें।
2022-23 की लिस्ट में चेक करें नाम
आपको बता दें कि केंद्र सरकार की ओर से साल 2022-23 की लिस्ट जारी कर दी गई है। ऐसे में अगर आप इस योजना के तहत लाभार्थी हैं तो आपको लिस्ट में अपना नाम जरूर चेक करना चाहिए। लिस्ट में नाम चेक करने की प्रक्रिया बहुत आसान है।
स्टेटस कैसे चेक करें
* पीएम आवास योजना की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं
* सिटीजन असेसमेंट का विकल्प उपलब्ध होगा, उस पर क्लिक करें
* ट्रैक योर असेसमेंट स्टेटस पर क्लिक करें
* पंजीकरण संख्या दर्ज करें और स्थिति की जांच के लिए मांगी गई जानकारी प्रदान करें
* राज्य, जिला, शहर का चयन करें और सबमिट करें
पीएम आवास योजना के लिए आवेदन कैसे करें
* सबसे पहले आधिकारिक वेबसाइट pmaymis.gov.in पर जाएं
* वेबसाइट में सबसे ऊपर आपको ‘सिटीजन असेसमेंट’ का विकल्प मिलेगा। इस पर क्लिक करें।
* यहां आपको कई विकल्प मिलेंगे। आप अपने ठहरने के अनुसार विकल्प का चयन करें।
* इसके बाद आपको आधार नंबर भरना है और चेक पर क्लिक करना है।
* इसके बाद एक ऑनलाइन फॉर्म खुल जाएगा।
* इस फॉर्म में मांगी गई जानकारी भरें।
* आवेदन भरने के बाद एक बार फिर से पूरी जानकारी पढ़ें। संतुष्ट होने के बाद सबमिट करें।
सबमिट करने के बाद आपकी स्क्रीन पर एक आवेदन संख्या प्रदर्शित होगी। इसका एक प्रिंट आउट निकाल लें और भविष्य के लिए सुरक्षित रख लें।
कौन ले सकता है इस योजना का लाभ ?
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 3 लाख से कम आय वाला कोई भी व्यक्ति, जिसके पास कोई घर नहीं है, वह इसका लाभ उठा सकता है। इस योजना में सरकार द्वारा 2.50 लाख की सहायता दी जाती है। इसमें 3 किस्तों में पैसा दिया जाता है। 50 हजार की पहली किस्त। दूसरी किस्त 1.50 लाख। वहीं, 50 हजार की तीसरी किस्त दी जाती है। राज्य सरकार कुल 2.50 लाख रुपये में 1 लाख देती है। वहीं, केंद्र सरकार 1.50 लाख का अनुदान देती है।