Price of Garlic : बंपर आवक के बावजूद किसान अपनी फसल को एक पैसे के दाम पर बेचने को मजबूर हैं। कुछ किसानों का आरोप है कि जो कीमत मिल रही है उसमें लागत तो दूर की बात है, फसल की कटाई और फसल को बाजार तक लाने का खर्च भी नहीं मिल रहा है |
लहसुन का उत्पादन करने वाले किसानों को उपज का उचित मूल्य नहीं मिल रहा है. मध्य प्रदेश के मंदसौर की कृषि उपज मंडियों में इन दिनों लहसुन के दाम बेहद कम चल रहे हैं. बंपर आवक के बावजूद किसान अपनी फसल को एक पैसे के दाम पर बेचने को मजबूर हो रहे हैं। कुछ किसानों का आरोप है कि जो कीमत मिल रही है उसमें लागत तो दूर की बात है, फसल की कटाई और फसल को बाजार तक लाने का खर्च भी नहीं मिल रहा है. वहीं, व्यापारियों का कहना है कि कृषि उपज मंडी में बाजार भाव से गुणवत्ता के हिसाब से वाजिब दाम पर सामान खरीदा जा रहा है |
लागत नहीं मिल सकती
किसान अशोक ने बताया कि लहसुन का भाव काफी कम चल रहा है. अब तक जो कीमत लगाई गई, वह भी नहीं आई। अब मजदूरों का पैसा भी जेब से देना पड़ रहा है। लहसुन 200 से 600 रुपये प्रति क्विंटल बिक रहा है।
किसान विशाल ने बताया कि बीज, दवा, घोल, खुदाई सहित प्रति बीघा फसल पर 25 हजार रुपये खर्च होते हैं, लेकिन बड़ी मुश्किल से अब फसल बेचकर 5 से 6 हजार रुपये ही बिक रहे हैं. खर्चा भी नहीं निकल पा रहा है।
किसान रमेश ने बताया कि उसने 50 हजार रुपये की लागत से लहसुन की फसल लगाई थी, लेकिन अब उसे 5-6 हजार रुपये ही मिल रहे हैं. बाजार में सबसे अच्छे लहसुन के भी दाम 800 रुपये से लेकर 1000 रुपये के बीच ही मिल रहे हैं।
दक्षिण में अच्छी गुणवत्ता वाले लहसुन की मांग
कृषि उपज मंडी के व्यापारी विजय कुमार बाम ने कहा कि लहसुन की आवक ज्यादा है, इसलिए भाव कम है। लेकिन जो माल 100 रुपये प्रति क्विंटल बिक रहा है वह पिछले साल का स्टॉक स्टॉक है जो खराब गुणवत्ता का है। अच्छे बड़े लहसुन के अच्छे दाम मिल रहे हैं। दक्षिण चेन्नई विजयवाड़ा में यहां के अच्छे लहसुन की काफी मांग है।