Toyota C-HR bold look: किसी स्पोर्ट्स कार से कम नहीं है Toyota की ये मिनी SUV, हाइब्रिड टेक्नोलॉजी से करेगी Tata Punch की छुट्टी, है छोटा पैक बड़ा धमाका। टोयोटा ने अगली पीढ़ी के C-HR SUV को लॉन्च से पहले दुनिया के सामने पेश कर दिया है. सी-एचआर प्रोलॉग के रूप में बताए गई यह कॉन्सेप्ट कार कंपनी की ओर से लॉन्च की जाने वाली एसयूवी के लिए एक विजन है।
देखे Toyota C-HR का धांसू बोल्ड लुक
See the bold look of Toyota C-HR

2016 में सी-एचआर को पहली बार बोल्ड स्टाइल के साथ लॉन्च किया गया था, जिसने ब्रांड की ऑर्गेनिक डिजाइन लैंग्वेज को मजबूत किया. इसमें बड़े पहिए और छोटे ओवरहैंग्स हैं, जो कॉन्सेप्ट को ज्यादा स्पोर्टी और बेहतरीन लुक देते हैं.
जानिए Toyota C-HR के कन्सेप्शनल हाई-टेक्नोलॉजी के बारे में
Know about the conceptual high-technology of the Toyota C-HR

टोयोटा सी-एचआर प्रोलॉग में सामने की ओर स्लिमर हेडलाइट्स के जरिए सबसे ऊपर एक छोटी ग्रिल खोलने की सुविधा है, जो कॉन्सेप्ट की हाई-टेक्नोलॉजी पहचान पर जोर देती है. इसमें मैटेलिक सिल्वर के ऊपर सल्फर का ट्राई-कलर ऑप्शन और स्टैंडआउट लुक पाने के लिए रिसाइकिल कार्बन ब्लैक भी मिलता है।
Toyota C-HR में मिलेगा हाइब्रिड और प्लग-इन हाइब्रिड पावरट्रेन इंजन
Toyota C-HR will get hybrid and plug-in hybrid powertrain engines

नई टोयोटा सी-एचआर के लिए सबसे ज्यादा खास बात यह है कि यह हाइब्रिड और प्लग-इन हाइब्रिड पावरट्रेन दोनों के साथ विश्व स्तर पर उपलब्ध होगी, जो इलेक्ट्रिफिकेशन के मामले में टोयोटा की मल्टी टेक्नोलॉजी स्ट्रैटजी को उजागर करती है।
बेहतरीन लुक के लिए Toyota C-HR में मिलेगा कलर ऑप्शन
Toyota C-HR will get color option for best look

टोयोटा सी-एचआर प्रोलॉग में सामने की ओर स्लिमर हेडलाइट्स द्वारा सबसे ऊपर एक छोटी ग्रिल खोलने की सुविधा है, जो कॉन्सेप्ट की हाई-टेक आइडेंटटी पर जोर देती है. इसमें मैटेलिक सिल्वर के ऊपर सल्फर का ट्राई-कलर ऑप्शन और स्टैंडआउट लुक पाने के लिए रिसाइकिल कार्बन ब्लैक भी मिलता है।
Toyota C-HR को यूरोपीय डिजाइन डेवलपमेंट टीम ED2 द्वारा डिजाइन किया गया था
The Toyota C-HR was designed by European design development team ED2

नई कॉन्सेप्ट को टोयोटा की यूरोपीय डिजाइन डेवलपमेंट टीम ED2 द्वारा डिजाइन किया गया था, जिसने ऑरिजनल C-HR को डिजाइन करने वाले डिजाइन डायरेक्टर लांस स्कॉट ने कहा कि चुनौती यह थी कि पहली पीढ़ी के C-HR को मिली अटेंशन को ध्यान में रखते हुए इसका निर्माण करना था।