Transparent Solar Windows: व्यासस्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में सौर ऊर्जा में अपार संभावनाओं को देखते हुए विज्ञानी भी उस पर विशेष ध्यान केंद्रित किए हुए हैं। इन्हीं प्रयासों का परिणाम है कि अब न केवल सोलर सेलों की लागत कम हुई है, बल्कि उनकी कार्यकुशलता भी बढ़ी है। हालांकि अपारदर्शी होने के कारण इनका विविधतापूर्ण उपयोग या दूसरे पदार्थो में सम्मिलित करना संभव नहीं हो पाता। ऐसे में विज्ञानी अब नई पीढ़ी के ऐसे सोलर सेल बनाने की चेष्टा कर रहे हैं जिन्हें खिड़कियों, इमारतों और मोबाइल फोनों में फिट किया जा सके। कोरिया की इंचियोन नेशनल यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर जूंडोंग किम और उनके सहयोगियों ने एक ऐसा सोलर सेल विकसित किया है जो पूरी तरह से पारदर्शी है। जर्नल ऑफ पावर सोर्स में प्रकाशित एक अध्ययन में उन्होंने इसका ब्योरा दिया है। प्रो. किम के अनुसार उनके पारदर्शी सोलर सेल का मानव टेक्नोलॉजी में विविध प्रकार से उपयोग किया जा सकता है।
पारदर्शी सोलर सेल का विचार
नया नहीं है, लेकिन कोरियाई शोधकर्ताओं ने उसे मूर्त रूप देते हुए एक महत्वपूर्ण आविष्कार किया है। फिलहाल सोलर सेलों को अपारदर्शी बनाने के लिए सेमीकंडक्टर परतों का प्रयोग किया जाता है। ये परतें सूर्य की रोशनी को बिजली में बदलती हैं। पारदर्शी सेल में सेमीकंडक्टर के लिए टाइटेनियम ऑक्साइड और निकेल ऑक्साइड को चुना। टाइटेनियम ऑक्साइड अपने उत्कृष्ट विद्युतीय गुणों के अलावा पर्यावरण के अनुकूल है और एक अविषाक्त पदार्थ है। यह पदार्थ अल्ट्रा वायलेट प्रकाश को सोख सकता है। प्रकाश के हिस्से को हम नग्न आंखों से नहीं देख पाते। यह पदार्थ दृश्य प्रकाश को गुजरने देता है। सेमीकंडक्टर के रूप में चुना गया दूसरा पदार्थ निकेल ऑक्साइड अपनी उच्च प्रकाशीय पारदर्शिता के लिए जाना जाता है। निकेल पृथ्वी पर बहुतायत में पाया जाता है और उसके ऑक्साइड का निर्माण आसानी से किया जा सकता है। इसके अलावा पर्यावरण अनुकूल सेल बनाने के लिए निकेल ऑक्साइड उत्तम पदार्थ है।
शोधकर्ताओं ने नए सोलर सेल की कार्यकुशलता परखने के लिए कई परीक्षण किए और नतीजे बहुत उत्साहवर्धक रहे। सूर्य की रोशनी को बिजली में बदलने में इनकी कुशलता 2.1 प्रतिशत रही। इन्होंने प्रकाश के स्पेक्ट्रम के सिर्फ एक छोटे हिस्से को लक्षित किया। इसके बावजूद सेल ने बहुत अच्छा काम किया। सेल ने मंद रोशनी में भी अच्छा प्रदर्शन किया। सेमीकंडक्टर की परतों से 57 प्रतिशत दृश्य प्रकाश के गुजर जाने से सेल पारदर्शी दिखने लगा। शोधकर्ताओं ने अंतिम प्रयोग में दिखाया कि इस डिवाइस से एक छोटी मोटर भी चलाई जा सकती है। पारदर्शी सेल अभी प्रारंभिक अवस्था में है, लेकिन शोध से पता चलता है कि ऐसे सेल व्यावहारिक हैं और भविष्य में इनकी कार्यकुशलता बढ़ाई जा सकती है।