Trending: केदारनाथ जैसी आपदा की वजह बन सकता है भीमताल डैम, जानिए
भीमताल एक त्रिभुजाकर झील है। यह उत्तरांचल में काठगोदाम से 10 किलोमीटर उत्तर की ओर है। इसकी लम्बाई 1674 मीटर, चौड़ाई 447 मीटर और गहराई १५ से ५० मीटर तक है। नैनीताल से भी यह बड़ा ताल है।भीमताल की खुबसूरत तस्वीरें सुकून देती ज़रूर हैं, लेकिन झील का डैम बूढ़ा होकर खतरनाक हो चुका है|
उत्तराखंड के नैनीताल जिले में आज भी अंग्रेजों की कई निशानियां मौजूद हैं. भीमताल झील के पास स्थित डैम ब्रिटिशकालीन है. वर्षों पुराना यह डैम आज भी ज्यों का त्यों खड़ा है. इस डैम का निर्माण 1884 से 1887 के बीच हुआ था|
स्थानीय निवासी पूरन बृजवासी का कहना है कि इसे बनाने की मुख्य वजह थी भाबर और तराई क्षेत्रों में गर्मी के दौरान पानी पहुंचाना. आज करीब 135 वर्षों के बाद भी यह काफी मजबूत स्थिति में है.
135 साल से ज्यादा पुराने डैम से खतरा इस कदर है कि वाल्मीकि बस्ती से लेकर ढुंगसिल, खैरोला, रानीबाग और हल्द्वानी तक एक झटके में बह सकते हैं|
झील की दीवारों में बड़ी बड़ी दरारें खतरे का अंदेशा दे रही हैं, तो वहं झील से पानी के रिसाव के चलते भी केदारनाथ जैसी त्रासदी का डर बन गया है.