Saturday, April 1, 2023
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Trending: निजी स्कूलों के टीचर्स को मिलेगा बड़ा लाभ भारत सरकार का बड़ा फैसला, जानिए

Trending: निजी स्कूलों के टीचर्स को मिलेगा बड़ा लाभ भारत सरकार का बड़ा फैसला, जानिए

हाइलाइट्स

  • शीर्ष अदालत ने निजी स्कूलों के शिक्षकों को ग्रेच्युटी का अधिकार देने वाले 2009 के कानून को बरकरार रखा है.
  • निजी स्कूलों को अब उन सभी शिक्षकों को ग्रेच्युटी देनी होगी जो 1997 के बाद सेवानिवृत्त हुए हैं.
  • जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस बेला एम. त्रिवेदी की पीठ ने 29 अगस्त को यह अहम फैसला दिया.

सुप्रीम कोर्ट ने प्राइवेट स्कूल के शिक्षकों को बड़ी राहत दी है. शीर्ष अदालत ने निजी स्कूलों के शिक्षकों को ग्रेच्युटी का अधिकार देने वाले 2009 के कानून को बरकरार रखा है. ग्रेच्युटी का भुगतान (संशोधन) कानून, 2009 के प्रावधानों को पूर्व की तिथि तीन अप्रैल, 1997 से लागू करने के निर्णय को वैध ठहराया है. निजी स्कूलों को अब उन सभी शिक्षकों को ग्रेच्युटी देनी होगी जो 1997 के बाद सेवानिवृत्त हुए हैं.

जस्टिस संजीव खन्ना और बेला एम त्रिवेदी की पीठ ने इंडिपेंडेंट स्कूल्स फेडरेशन ऑफ इंडिया द्वारा दायर 20 से अधिक याचिकाओं को अन्य निजी स्कूलों के साथ खारिज कर दिया. साथ ही उन्हें “कर्मचारियों / शिक्षकों को छह सप्ताह के भीतर ग्रेच्युटी भुगतान (संशोधन) अधिनियम के प्रावधान के तहत ब्याज के साथ भुगतान करने का आदेश दिया|

पूर्व तिथि से ग्रेच्युटी कानून का लाभ
अदालत ने कहा कि अगर शिक्षकों को पैसा पाने में कोई दिक्कत होती है तो वे उचित फोरम में जा सकते हैं. इस फैसले का फायदा देशभर के गैर सहायता प्राप्त स्कूलों के शिक्षकों को मिलेगा. तीन अप्रैल, 1997 से शिक्षकों को ग्रेच्युटी कानून का लाभ मिलेगा. मामले से जुड़े जानकार लोगों के मुताबिक, जो शिक्षक नौकरी छोड़ चुके होंगे या रिटायर हो गए होंगे, ऐसे सभी टीचरों को पूर्व तिथि से ग्रेच्युटी कानून का लाभ मिलेगा.

क्या है मामला
जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस बेला एम. त्रिवेदी की पीठ ने 29 अगस्त को यह अहम फैसला दिया. बेंच ने निजी स्कूलों के संघ और स्कूलों की अलग से भी दाखिल याचिकाओं को खारिज कर दिया|

इंडिपेंडेंट स्कूल फेडरेशन आफ इंडिया और बहुत से अन्य निजी स्कूलों ने याचिकाएं दाखिल की थी. शीर्ष अदालत में दाखिल याचिका में देश के विभिन्न हाई कोर्टो जैसे इलाहाबाद हाई कोर्ट, गुजरात हाई कोर्ट, दिल्ली हाई कोर्ट, बांबे हाई कोर्ट, पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट और मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के फैसलों को चुनौती दी गई थी| इसके अलावा बहुत से स्कूलों ने सीधे सुप्रीम कोर्ट में रिट याचिका दाखिल की थी. उनकी याचिका में कर ग्रेच्युटी का भुगतान (संशोधन) कानून, 2009 की धारा 2(ई) और 13ए की वैधानिकता को चुनौती दी थी. इस कानून में शिक्षकों को ग्रेच्युटी का लाभ पहले की तिथि तीन अप्रैल, 1997 से देने का प्रविधान था|

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