UPI पेमेंट करने वालो को लगा 440 वाल्ट का झटका, 1 April से 2 हजार से ऊपर के ट्रांसक्शन पर लगेगा चार्ज। यूपीआई ट्रांजैक्शन करने वालों को लगा झटका 1 अप्रैल से यूपीआई ट्रांजैक्शन करने पर लगेगा चार्ज। कई मीडिया रिपोर्ट का दावा है कि अगले महीने 2000 से ज्यादा के भुगतान पर शुल्क लगेगा। आइए जानते हैं भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम के बकायदा स्पष्टीकरण के जरिए क्या है
1 अप्रैल से 2000 रुपये से ज्यादा के लेनदेन पर देना पड़ेगा 1.1% शुल्क
NPCI की मानें तो यूपीआई के जरिये भुगतान आगे भी फ्री और आसान बना रहेगा. इसका ग्राहकों पर कोई असर नहीं पड़ेगा. यह पहले की तरह की पूरी तरह मुफ्त रहेगा. इससे पहले कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया था कि 1 अप्रैल से 2000 रुपये से ज्यादा के लेनदेन पर 1.1 फीसदी शुल्क देना पड़ेगा.

UPI पेमेंट करने वालो को लगा 440 वाल्ट का झटका
डिजिटल भुगतान में यूपीआई की ही हिस्सेदारी सबसे ज्यादा होती है. इस कदम से यूपीआई भुगतान को बड़ा झटका लगता और इसी बात को लेकर ग्राहकों में सबसे ज्यादा चिंता बढ़ रही थी. हालांकि, NPCI ने अब इस बारे में स्थिति साफ कर दी है. बैंक खाते से खाते में ट्रांजेक्शन की कुल हिस्सेदारी 99 फीसदी से ज्यादा है.

बैंक टू बैंक ट्रांसक्शन पर नहीं लगेगा कोई अतिरिक्त शुल्क
NPCI ने ट्वीट करके बताया कि यूपीआई ट्रांजैक्शन के जरिए हर महीने तकरीबन 8 अरब का ट्रांजैक्शन होता है। इसका पूरा फायदा ग्राहकों को मिल रहा है। यह सुविधा आगे भी फ्री में बनी रहेगी और खाते से खाते में लेनदेन पर किसी भी प्रकार का अतिरिक्त शुल्क नहीं लिया जाएगा। इसका मतलब हुआ कि फोनपे, पेटीएम, गूगलपे (Phonepe, Paytm, Google pay) से यूपीआई भुगतान पहले की ही तरह मुफ्त बना रहेगा.
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NPCI ने कहा है कि सिर्फ इंटरचेंज चार्ज लिया जायेगा
NPCI ने इंटरचेंज चार्ज तय किया है, लेकिन यह मर्चेंट कैटेगरी पर लगाया गया है. इसकी रेंज 0.5 फीसदी से 1.1 फीसदी तक होगा. ईंधन, एजुकेशन, एग्रीकल्चर और यूटिलिटी पेमेंट पर 0.5 फीसदी से 0.7 फीसदी तक इंटरचार्ज देना पड़ेगा. इसके अलावा फूड शॉप, स्पेशल रिटेल आउटलेट पर सबसे ज्यादा 1.1 फीसदी का इंटरचेंज देना पड़ेगा .