2000 Rupee Currency Notes: अचानक कहा गायब हो गए 2000 के गुलाबी नोट, न Bank में न ATM में, जानिए रहस्य। 2019 के बाद से 2000 रुपये के नोट की छपाई नहीं हुई है. जो पहले से बाजार में नोट मौजूद थे वो गायब होते जा रहे हैं।
कहा गायब हो गए 2000 के गुलाबी नोट के क्या है इसके पीछे का कारन
Where are the missing 2000 pink notes, what is the reason behind it

2000 रुपये का गुलाबी नोट 2016 में नोटबंदी के बाद बाजार में तेजी से नगदी सप्लाई बढ़ाने के लिए सरकार लेकर आई थी, अब उसे वापस लेने की मांग शुरू हो चुकी है. ये मांग किसी और ने नहीं बल्कि केंद्र में सत्ताधारी पार्टी के राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने की है जो बिहार के पूर्व वित्त मंत्री भी रह चुके हैं. सुशील मोदी ने राज्यसभा में शून्यकाल के दौरान कहा कि 2000 रुपये का नोट का मतलब ब्लैकमनी हो चुका है. उन्होंने कहा कि सरकार को 3 साल का जनता को समय देकर धीरे-धीरे 2000 रुपये के नोट को वापस ले लेना चाहिए.
8 नंवबर 2016 को मोदी सरकार ने पुराने नोट को बंद करने का एलान कर दिया था
On November 8, 2016, the Modi government had announced the closure of old notes.
दरअसल 6 साल पहले 8 नंवबर 2016 को मोदी सरकार ने 1,000 और 500 रुपये के पुराने नोट को नोटबंदी का एलान कर उसे रद्द दिया था. नोटबंदी के बाद बाजार में नगदी डालने के लिए आरबीआई 2000 रुपये के नोट लेकर आई. लेकिन अब 2000 रुपये के नोट का दर्शन दुर्लभ होता जा रहा है. एटीएम से बिरले 2000 रुपये के नोट निकलते हैं तो बाजार में 2000 रुपये के नोट के लीगल टेंडर खत्म होने की भी अफवाह उड़ती रहती है. 2000 रुपये के नोट की जमाखोरी हो रही है. नोटबंदी के बावजूद 2000 रुपये के जाली नोट बाजार में आ चुके हैं.
2018-19 के बाद बंद हो गयी है 2,000 रुपये के नोट की प्रिंटिंग
Printing of Rs 2,000 note has stopped after 2018-19

सवाल उठता है कि 2000 रुपये के गुलाबी नोट कहां चले गए? तो दिसंबर 2021 में ही शीतकालीन सत्र में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने संसद को बताया था कि 2018-19 के बाद से 2,000 रुपये के नोट की प्रिंटिंग के कोई फ्रेश आर्डर नहीं जारी किए गए हैं. 2,000 के नोट के सर्कुलेशन में कमी के कारण बताते हुये उन्हें कहा कि 2018-19 के बाद से ही 2000 रुपये के नोटों की छपाई बंद है जिसके चलते 2,000 के नोटों की संख्या में कमी आई है.
देश में 2,000 रुपये के नोट के सर्कुलेशन में भारी कमी आई है
There has been a drastic reduction in the circulation of Rs 2,000 notes in the country.
आरबीआई ने भी माना था कि देश में 2,000 रुपये के नोट के सर्कुलेशन में भारी कमी आई है. आरबीआई (RBI) ने साल 2021-22 के सलाना RBI Annual Report में कहा कि 2020-21 में कुल करेंसी सर्कुलेशन में 2,000 रुपये को नोटों की हिस्सेदारी 17.3 फीसदी थी वो घटकर अब 13.8 फीसदी रह गई है. 2019-20 में 2000 रुपये के 5,47,952 रुपये वैल्यू के नोट सर्कुलेशन में थे और कुल नोटों में 22.6 फीसदी हिस्सेदारी थी. 2020-21 में घटकर ये 4,90,195 करोड़ रुपये वैल्यू की रह गई और 2021-22 में कुल करेंसी के सर्कुलेशन में 2,000 रुपये के नोटों की संख्या और कम होकर 4,28,394 करोड़ रुपये रह गई है.