Zero Percent Interest Scheme: भारत सरकार देशभर के किसानों को मजबूत करने के लिए लगातार नई योजनाए लेकर आ रही है, तो वहीं अलग-अलग प्रदेश सरकारें भी इस दिशा काम कर रही हैं. यही कारण है कि आए दिन किसानों के हित में केंद्र से लेकर राज्य सरकार नई-नई योजनाएं ल रही हैं. इसी कड़ी में मध्य प्रदेश सरकार द्वारा किसानों के पैदावार को और अधिक बढ़ाने के लिए बड़ा फैसला लिया गया है.
शून्य प्रतिशत ब्याज दर योजना
दरअसल, मध्य प्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार ने हाल ही में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में शून्य प्रतिशत ब्याज दर योजना को इस वर्ष भी जारी रखने का फैसला किया गया है. इस बैठक की अध्यक्षता खुद राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा किया गया है.
क्या है शून्य प्रतिशत ब्याज दर योजना?
शून्य प्रतिशत ब्याज दर योजना (Zero Percent Interest Rate Scheme) के अंतर्गत किसानों को अल्पकालीन फसलों के लिए ऋण (Loan) दिया जाता है, लेकिन इसकी सबसे खास बात यह है कि ये ऋण यानी लोन किसानों को शून्य प्रतिशत के ब्याज दर मिलता है, ताकि किसानों को फसलों से बढ़िया पैदावार मिले और उन्हें अधिक मुनाफा हो.
शून्य प्रतिशत ब्याज दर योजना की मुख्य बातें
इस योजना के अंतर्गत किसानों को खेतीबाड़ी के कामों के लिए अल्पावधि फसलों के लिए कम ब्याज पर लोन दिया मिलता है. किसान भाईयों को लोन इस योजना के अंतर्गत राज्य के सहकारी बैंकों या फिर प्राथमिक कृषि ऋण सहकारी समितियों द्वारा दिया जाता है.
बता दें कि इस योजना के तहत किसानों को राज्य सरकार 3 लाख रुपए तक के लोन पर सब्सिडी पर देती है. इस योजना के अंतर्गत किसानों को 7 प्रतिशत के ब्याज दर पर लोन दिया जाता है.
वहीं, अगर किसान समय पर लोन अदा कर देता है, तो राज्य सरकार उन्हें 4 प्रतिशत ब्याज पर अनुदान दिया जाता है और केंद्र सरकार 3 प्रतिशत ब्याज पर अनुदान देती है. ऐसे में किसानों का लोन बिना ब्याज के मिल जाता है. यानी पूरा गणित देखें, तो अगर किसान समय पर लोन चुका देता है, तो उनका ब्याज शुन्य हो जाता है, इसलिए इस योजना का नाम शून्य प्रतिशत ब्याज दर योजना रखा गया है.